
“सबका साथ सबका विकास इस योजना से देश का भविष्य बदलेगा-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको सबका साथ सबका विकास इस योजना के बारे में बताने जा रहा हूँ “सबका साथ, सबका विकास” – प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का एक नारा, राष्ट्रीय एकता के महत्व को दर्शाता है
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नारे “सबका साथ, सबका विकास” के माध्यम से राष्ट्रीय समृद्धि और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस नारे में राष्ट्रीय एकता का सार है, जिसे समझना देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। मोदी अपने भाषणों में कई मौकों पर यह बात दोहरा चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि भारत में सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश और उसके नागरिक स्थिर रहते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि राजनीतिक विचारधाराएँ समय के साथ बदलती रहती हैं, लेकिन राष्ट्र के विकास के लिए, हम सभी को एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए, सभी धार्मिक मान्यताओं से ऊपर उठकर एक सामान्य राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करना चाहिए। “सबका साथ, सबका विकास” को संभव बनाने का यही एकमात्र तरीका है।
सबका साथ सबका विकास इस योजना
“भारत: विविधता, लोकतंत्र और एकजुटता की शक्ति से एकजुट एक राष्ट्र”
भारत ने धर्म के नाम पर कई राजनीतिक विभाजनों का अनुभव किया है, लेकिन वास्तव में, देश केवल हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों और अन्य लोगों का योग नहीं है। यह एक अरब से अधिक लोगों की आबादी वाला देश है जो विभिन्न पृष्ठभूमियों और धर्मों से आते हैं। भारत का सच्चा विकास तभी हो सकता है जब ये 1.3 अरब लोग अपनी एकता की ताकत को पहचानकर एकजुट हों।
भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है और इस लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए एकता की भावना आवश्यक है। यह एक ऐसा देश है जहां के नागरिक विश्व स्तर पर फैले हुए हैं, और इसकी युवा आबादी कई अन्य देशों की तुलना में काफी बड़ी है। ये पहलू हमारे राष्ट्र की ताकत हैं, लेकिन इस ताकत का सकारात्मक उपयोग तभी किया जा सकता है जब ये विविध ताकतें एक होकर एकजुट हों।
“सबका साथ, सबका विकास” का अर्थ धार्मिक एकता से परे है; यह हर पहलू में आपसी सहयोग का प्रतीक है। स्वामी विवेकानन्द के गुरु, महर्षि रामकृष्ण परमहंस ने स्पष्ट रूप से कहा था कि जिस देश में लोग भूखे पेट सोते हैं, वहां एक बेवफा शिक्षित आबादी रहती है। यह कथन इस बात पर ज़ोर देता है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति पर सभी के कल्याण की जिम्मेदारी है।
एक शिक्षित व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने ज्ञान का उपयोग करके देश की प्रगति में योगदान दे। अपने विकास और दूसरों के विकास की जिम्मेदारी लें।
हाल के दिनों में, एक नए शब्द, “असहिष्णुता” ने देश में प्रमुखता हासिल कर ली है, जिससे महत्वपूर्ण उथल-पुथल और विभाजन हुआ है। किसी न किसी रूप में, यह राष्ट्र में विखंडन का कारण बन रहा है, जैसा कि अंग्रेजों द्वारा किया गया विभाजन था जब उन्होंने अपने लाभ के लिए भारत का उपनिवेश किया था। वर्तमान में, कई राजनीतिक दल अपने व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए असहिष्णुता की इस धारणा का फायदा उठा रहे हैं, जो देश के विघटन में योगदान दे रहा है और इसकी प्रगति को बाधित कर रहा है। ये वही पार्टियाँ हैं जो मुख्य रूप से अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देती हैं और उनमें देश के विकास के लिए आवश्यक उत्साह और समर्पण का अभाव है।
“सबका साथ, सबका विकास” का नारा मूलतः असहिष्णुता का विरोधी है क्योंकि यह मूलभूत सत्य है कि एकता के बिना कोई राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। सांप्रदायिक मानसिकता केवल व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करती है और कभी भी विकास नहीं करा सकती। यह मानसिकता व्यक्तिगत विकास में बाधा डालती है, किसी के दृष्टिकोण को संकुचित करती है, और किसी व्यक्ति के लिए खुशी पाना या देश की भलाई में योगदान करना असंभव बना देती है।
“दुनिया में विकास का रहस्य: ‘सबका साथ सबका विकास’ स्लोगन का खुलासा!”
“धरती माता करे पुकार, एकता में ही हैं देश का उद्धार”
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“देश के युवा करो विचार एकता में ही सुखद संचार”
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“धरती होगी स्वर्ग समान, जब होगा सबका साथ सबका विकास”
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“एकता के बिना खोखला स्वराज , एकता में ही निहित हैं राष्ट्र सम्मान”
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“बस कौमी एकता ही नहीं हैं विचार छोटा – बड़ा हर एक साथ हो यही हैं दरकार”
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“हम सबको एक होना हैं , तब ही देश का विकास संभव हैं”
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“एकता ही हैं वो विचार, देश के विकास का सफल आधार”
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“सबके साथ में ही हैं सबका विकास , एकता में ही हैं आलौकिक प्रकाश”
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“हम सबका एक ही नारा हैं ,खंडित देश को अखंड बनाना हैं”
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“नेता चाहे निजी उद्धार
ना होने देंगे फिर से फलीभूत
फुट डालों राज करो का गंदा विचार”
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देश के विकास में हम बन गए हैं बाधा,
क्यूंकि हमने देश को जात पात में हैं बाँटा,
ए ईश्वर के बन्दे, तू चला तेरी माया,
कर दे, हर देशवासी की, एक ही काया ..
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दल आता हैं, दल जाता हैं,
नये-नये ख्वाबो का,
चौला पहने हमे रिझाता हैं .
बदलता नहीं हैं एक ही मंजर,
देशवासियों का नीला समंदर .
हमें होना होगा जल सा विलय,
तब ही संभव हैं, संसार पर विजय ..
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एकता का महत्व हमें ना बताओ
हम वो हैं जो कई धर्मो में रचे बसे हैं
चंद मूर्खो ने मेरे देश को असहिष्णु क्या कह दिया
तुमने मेरे देशवासियों को कमजोर समझ लिया
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एकता का डंका ऐसा बजेगा
हर एक घर में भारत माँ का बेटा जन्मेगा
तब मेरे राष्ट्र का मुकाबला कौन करेगा
कौन ढाई सौ करोड़ बाजुओ से लड़ेगा
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डरपोक हैं वो जो खतरों से भागते हैं,
जो मेरे देश को बाँटे, वही कायर कहे जाते हैं
हिम्मत नहीं हैं उनमे, के वो हमे एक होता देख सके
डरते हैं वो भारत की आवाम से,
इसलिए अक्सर हममें फुट डालना चाहते हैं
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हैं यह एक अखंड नारा
सबका साथ, सबका विकास हमारा
जागो भारत जागों
अपनी शक्ति को पहचानो
युवाओं का सैलाब हैं जहाँ
ज्ञान का आधार हैं जहाँ
हर देश की शान हैं भारत के नाम
हर देश में बैठा हैं भारतीय आवाम
चंद नारों से तुम मत उबलो
बस राष्ट्र धर्म में रचो बसों
नेता आएगा नेता जायेगा
देश तो बस लोकतंत्र ही चलायेगा
समझो दुश्मन के इरादों को
मत दो ख़ुशी उन अवसरवादो को
एक थे हम एक हैं हम
कुचलो हमें अगर हैं दम
sabka saath sabka vikas ki yojna se desh ka bhavishya-सबका साथ सबका विकास यह नारा आज की सबसे बड़ी जरुरत हैं . देश का विकास तब ही संभव हैं जब हम एक दुसरे के साथ खड़े हो . देश का विकास किसी राजनैतिक दल के हाथों में नहीं, बल्कि हम देशवासियों के हाथों में हैं . लोकतान्त्रिक देश को कोई सरकार नहीं बल्कि जनता चलाती हैं इसके लिए जरुरी हैं कि हम सभी अपनी एकता की शक्ति को समझे हैं राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रखे .
सरकार ने बजट 2016-17 में एकता के महत्व को समझाते हुए देश में प्रादेशिक एकता को बढ़ाने के लिए “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम की शुरुवात की हैं .
केंद्र सरकार एक नये कार्यक्रम की तैयारी कर रही हैं जिसका नाम ‘सबकी योजना सबका विकास कार्यक्रम’ हैं, इसका विमोचन “गांधी जयंती” के दिन किया जायेगा. इस योजना के तहत केंद्र तकरीबन 2.5 लाख ग्राम पंचायत को शामिल करेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर से जनमानुष को जोड़ना हैं जिसके जरिये ग्राम पंचायत सशक्तिकरण अभियान को संबल प्रदान किया जा सके.
इस योजना के अंतर्गत, केंद्र अन्य राज्यो मे हुये विकास कार्यो का ब्योरा भी लेगी जिसमें मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, एवं राजस्थान शामिल हैं। इस कार्यक्रम में राज्य स्तर पर प्रधानमंत्री योजनाओ का विश्लेषण किया जायेगा जिसमे मुख्यतः 7 योजनाओं के नाम शामिल हैं –
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