Private Limited Company Kya Hai? और कंपनी कैसे रजिस्टर करें? Private Limited Company Kya Hai?
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Private Limited Company Kya Hai? और कंपनी कैसे रजिस्टर करें? नमस्कार दोस्तों आज हमआप सब के लिए ये पोस्ट Private Limited Company Kya Hai? और कंपनी कैसे रजिस्टर करें? लेकर आये है उम्मीद करते है की आप को हमरे द्वारा दिया गया। ये पोस्ट पसंद आये इस पोस्ट PLC Kya Hai ? और कंपनी कैसे रजिस्टर करें?- में हमने इसकी पूरी जानकरी दी है तो दोस्तों आप से उम्मीद कारे है आप इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े और जाने की Private Limited Company Kya Hai? इसे कैसे शुरू करते है , इसके लाभ और हानि ,कंपनी की विशेषताएँ ,अपनी कंपनी को रजिस्टर करना क्यों आवश्यक है ,अपनी कंपनी को रजिस्टर कैसे कर। तो दोस्तों पोस्ट को शुरू करते है।



Contents

Private Limited Company क्या है? | Private Limited Company Kya Hai In Hai

  • Private लिमिटेड कंपनी Registration भारत में संगठनों के लिए सबसे प्रसिद्ध कानूनी संरचना चुनाव है। एक निजी लिमिटेड कंपनी में कम से कम दो सदस्य और पचास सदस्यों की सीमा हो सकती है।
  • एक निजी लिमिटेड कंपनी के officials को लेनदारों के लिए सीमित देयता है। डिफ़ॉल्ट के एक मामले के दौरान, बैंक / लेनदार बस कंपनी के लाभों को बेच सकते हैं
  • लेकिन डाइरेक्टर के घर संसाधनों के करीब नहीं। यदि आप भारत में एक संगठन शुरू करना चाहते हैं, तो उस समय यह पूरे यक़ीन से करें कि आपका संगठन / कंपनी एक कंपनी Registration के रूप में nominated है
  • जो आपकी पहली होनी चाहिए। अपनी कंपनी को nominated करना बहुत जरुरी है क्योंकि एक पंजीकृत कंपनी के पास पंजीकरण करने के लिए आसान से लेकर भंग करने के लिए अलग-अलग फायदे हैं।
  • स्टार्ट-अप और विकासशील संगठन निजी सीमित कंपनी की ओर झुकाव करते हैं क्योंकि यह आसानी से धन जुटाने की अनुमति देता है, अपने इन्वेस्टर्स की देनदारियों को सीमित करता है और उन्हें शीर्ष क्षमता में खींचने के लिए कर्मचारी निवेश के अवसरों की पेशकश करने का अधिकार देता है।
  • Private लिमिटेड कंपनी Registration दिल्ली NCR, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई और अन्य भारतीय शहरों में लीगलराय (कंपनी पंजीकरण विशेषज्ञ) के माध्यम से संभव होना चाहिए। यदि आप अपनी खुद की कंपनी registered करना चाहते हैं तो आप पूरी तरह से लीगलराई (कंपनी पंजीकरण सेवा प्रदाता) पर निर्भर हो सकते हैं। हम आपको कंपनी गठन प्रक्रिया और नई कंपनी निर्माण प्रक्रिया में सहायता करेंगे।

Pvt LTD की फुल फॉर्म क्या है? | Pvt LTD Ki Full Form Kya Hai?

Pvt LTD की फुल फॉर्म (Private Limited Company) है

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Private Limited Company के लाभ

  • यह अनुकूलनीय है और इसकी सीमित देयता है
  • अधिक पूंजी योगदान और अधिक ताकत
  • बड़े होने और विस्तार की संभावना

कंपनी के प्रकार | Types Of Company

कंपनी के कई सारे प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है :-

एक व्यक्ति कंपनी | One Person Company

एक कंपनी सदस्यों के आधार पर भी बनाई जाती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग अपना व्यवसाय आरंभ करने की ही सोच रहे होते हैं, पर उस समय उनके पास उपयुक्त पूंजी नहीं होती है. ऐसे में वे अकेले ही युवा entrepreneurs को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई कंपनी का अविष्कार करते हैं और अपने व्यवसाय को धीरे-धीरे बढ़ाते देते हैं.

निजी कंपनी | Priate Limited Company

निजी कंपनी वह कंपनी होती है, जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हो जाते हैं और एक अपनी अलग से कंपनी बनाते हैं. वे एक व्यवसाय निर्धारित कर लेते हैं और उससे जुड़ी सभी trained वस्तुओं के बारे में जानकर एक कंपनी का शुरू कर देते हैं.

सार्वजनिक कंपनी | Public Limited Company

एक ऐसी कंपनी जो कानूनी वस्तुओं के साथ न्यूनतम 7 सदस्यों की संख्या द्वारा बनाई जाती है, उसे सार्वजनिक कंपनी कहते हैं. इस कंपनी में अधिकतम सदस्यों की कोई सीमा नहीं होती है, क्योंकि यह एक registered कंपनी होती है. इस कंपनी को अपने शेयर स्वतंत्र रूप से बेचने व खरीदने की पूरी छूट होती है. कोई भी व्यक्ति जब सार्वजनिक कंपनी से जुड़ जाता है, तो वह भी सार्वजनिक कंपनी के अंतर्गत आ जाता है.

साझेदार कंपनी | Limited Liability partnership

एक कंपनी ऐसी होती है जो कुछ साझेदारों द्वारा शुरू की जाती है और चलाई भी जाती है. किसी भी कंपनी को चलाने के लिए 2 या उससे अधिक साझेदार उस कंपनी के मालिकाना हक को पाने के हकदार होते हैं.

कंपनी की विशेषताएँ | Company Features

 1.फेक पर्सन : एक कंपनी मनुष्य द्वारा स्थापित की जाती है. एक कंपनी को भी सभी प्रकार के दुख-सुख या हानि और लाभ भुगतने पड़ते हैं. जो उनको नुकसान भी पहुंचाते हैं तो फायदा भी दिलाते हैं.

2. स्वतंत्र कंपनी : स्वतन्त्र कंपनी एक कंपनी की ऐसी विशेषता है. जिसके internal कोई भी कंपनी अपने सदस्यों से अलग एक इकाई बनाती है. वह पूरी पूजी  अपने नाम पर ही रख सकती है और किसी भी अनुबंध को कभी भी बना व बिगाड़ सकती है

उस कंपनी में कंपनी के मालिक को इतनी स्वतंत्रता होती है कि वह दूसरों पर किसी भी तरह की गलती होने पर मुकदमा कर सकता है. व दूसरी कंपनियां भी उस कंपनी पर कोई परेशानी वाली स्थिति उत्पन्न होने पर मुकदमा कर सकती है.

3. सभी प्रभावों से दूर : एक कंपनी ऐसी होती है जिस पर साधारण प्रभावों का कोई असर नहीं पड़ता है. सरल शब्दों में कहें तो किसी भी कंपनी के किसी भी सदस्य व डायरेक्टर की मृत्यु उसका पागलपन या संपत्ति रूप से वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाने के बाद भी एक कंपनी पर उस परिस्थिति का कोई असर नहीं पड़ता है.

4. सीमित दायित्व : एक कंपनी में कई सारे सदस्य मौजूद होते हैं. जो उस कंपनी के शेयर etesian रूप से अपने नाम पर लेकर उस कंपनी के सदस्य बनते हैं. कोई भी व्यक्ति जो कंपनी से शेयर लेता है उसकी पूरी गारंटी सिर्फ कंपनी द्वारा दी गई गारंटी तक सीमित होती हैं.

5. शेयर ट्रान्सफर सुविधा : सार्वजनिक कंपनी में एक सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह अपने द्वारा अपनाए गए शेयर को स्वतंत्रता पूर्वक किसी के हाथ में भी ट्रान्सफर कर सकते हैं. अब किसी परिस्थिति में यदि कोई कंपनी का मालिक अपने द्वारा लिए हुए शेयर को बेचना व खरीदना चाहता है तो वह भी विनिमय के माध्यम से अपने शेयर को खरीद व बेच सकता है. 

6. स्वामित्व तथा प्रबंधन : सामान्य तौर पर एक सार्वजनिक कंपनी में सदस्यों की संख्या और सीमित होती है इसका मतलब यह है कि एक सार्वजनिक कंपनी में काफी मात्रा में सदस्य मौजूद होते हैं. जो कंपनी में होने वाले प्रत्येक कार्य व प्रबंधन में दिन-प्रतिदिन भाग लेने में सक्षम नहीं हो पाते हैं.

इसलिए एक कंपनी का प्रबंध संचालक मंडल तैयार किया जाता है जो पूरी तरह से कंपनी को संचालित करते हैं. कंपनी के सदस्यों द्वारा ही चुनाव प्रक्रिया के जरिए कंपनी के मुख्य संचालकों को चुना जाता है

अतः उन्हें कंपनी के प्रबंधन का पूर्ण स्वामित्व प्रदान कर दिया जाता है.



अपनी कंपनी को रजिस्टर करना क्यों आवश्यक है ?

किसी भी एक कंपनी को continue रुप से चलाने के लिए उसका Registration  कराना बहुत ज़रुरी होता है.आइए जानते हैं कुछ मुख्य कारण की एक कंपनी को Registered कराने से आपको क्या फायदा होता है और आपको क्यों एक कंपनी registered करनी चाहिए.

  • कंपनी का  Registration कंपनी को देता है मुख्य पहचान 

कोई भी कंपनी चलाने के लिए उसका  Registration कराना बेहद जरुरी होता है.क्योंकि वह कंपनी को एक खास पहचान देता है. कंपनी कानूनी रूप से Registration करा ली जाती है तो वह आसानी से उपभोक्ताओं आपके उत्साह पर भरोसा दिलाने के लिए सक्षम हो पाती है. कानूनी रुप से Registration कराने पर आपकी कंपनी को एक कानूनी नाम, पता व पहचान प्राप्त हो जाती है.

यदि आप अपनी कंपनी अपने पसंदीदा नाम से पंजीकृत करा लेते हैं तो आपको यह भी पता चल जाता हैइस नाम का उपयोग पहले कोई व्यक्ति अपनी कंपनी के लिए कर चुका है या नहीं और यदि आपने वह नाम अपने व्यवसाय के लिए चुन लिया है तो उस नाम को कोई भी व्यक्ति अपनी कंपनी के नाम के लिए उपयोग नहीं कर सकता है

  • यह आपको व्यक्तित्व दायित्व से बचाता है 

जब आप एक कंपनी Registration  करा लेते हैं भले ही वह आपके नाम पर क्यों ना हो, ऐसे में कंपनी में किसी भी होने वाले नुकसान की भरपाई आपको व्यक्तिगत रूप से नहीं करनी पड़ती है.आसान  शब्दों में कहें तो किसी भी संपत्ति जैसे किसी भी भारी क्षति का मुकदमा अदालत में दायर तो किया जा सकता है, लेकिन एक Registration कंपनी के स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति को इसका पूरी तरह जिम्मेदार नहीं माना जाता है.

यदि आपकी कंपनी Registration है तो मान लीजिए कि आपकी कंपनी पर कोई लोन बकाया है या फिर किसी कंपनी की राशि बकाया है जो आपको भुगतान करनी है, ऐसे में यदि आप भुगतान नहीं कर पाते हैं आपकी कंपनी में कोई बड़ा नुकसान हो जाता है, तो इसकी भरपाई आपके घर की किसी भी वस्तु को बेचकर नहीं की जा सकती है क्योंकि आपकी कंपनी Registration है.

  • ग्राहकों को आकर्षित करना होता है आसान 

किसी भी कंपनी या उसके द्वारा निर्मित उत्पाद पर भरोसा करना किसी भी ग्राहक के लिए आसान नहीं होता, लेकिन कंपनी में मौजूद सदस्य उस उत्पाद को इतना आकर्षित बना देते हैं कि ग्राहकों को आकर्षित करना और उनको भरोसा दिलाना बेहद आसान हो जाता है.

  • अपनी कंपनी के लिए निवेशक आसानी से प्राप्त करना 

किसी भी कंपनी को चलाने के लिए उसमें संपूर्ण वित्तीय राशि की जरुरत होती है. ऐसे में कोई भी एक व्यक्ति एक कंपनी को चलाने के लिए पर्याप्त राशि नहीं जुटा सकता है और ना ही पर्याप्त साधन जुटा सकता है. ऐसे में कंपनी को कुछ निवेशकों की जरुरत होती है या फिर वह

अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए किसी बैंक से लोन लेता है, जिसके लिए उस कंपनी का Registration होना बहुत आवश्यक है. यदि कोई कंपनी Registration नहीं होती है, तो ऐसी कंपनी में कोई भी निवेशक अपनी राशि निवेश नहीं करता है. एक निवेशक को अपनी कंपनी में निवेश के लिए निमंत्रण देने से पहले आपको अपनी कंपनी Registration करानी आवश्यक है.

  • व्यवसाय को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए 

कुछ लोग छोटे पैमाने पर अपना व्यवसाय शुरू करते है, उस समय वह अपने व्यापार को Registered नहीं कराते हैं. ऐसे में वह अपना व्यवसाय कब तक चला पाएगा कब तक नहीं इस बात का कोई अंदाजा नहीं लगा पाता है.

यदि आप अपना व्यवसाय लंबे समय तक चलाना चाहता है, और वह अपनी भविष्य की योजना पहले से ही तैयार रखता है तो उसके लिए आवश्यक है कि आप अपनी कंपनी Registered अवश्य करा ले.




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अपनी कंपनी को रजिस्टर कैसे करे | How to Register a Company

  • भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत कंपनी के Registration के समय एक कोरिया नंबर जारी किया जाता है, जो DIN ((DIRECTOR IDENTIFICATION NUMBER) मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स द्वारा एक यूनीक आईडेंटिफिकेशन कोड होता है.
  • उस कोड से एक व्यक्ति जो कंपनी का प्रबंधक बनना चाहता है, यह उसकी पहचान होती है. इस कोड को प्राप्त करने के लिए आपको एमसीए पोर्टल पर जाकर इ-फॉर्म dir-3 भरना पड़ता है. जिसके लिए आपको 500 रुपए की एप्लीकेशन फीस भी जमा करनी होती है
  • इन सभी प्रक्रियाओं के बाद आपको MCA पोर्टल में जाकर एक और फॉर्म जमा कराना होता है जिसका नाम इनकारपोरेशन फॉर्म है.
  • यदि आप वन पर्सन कंपनी को Registered करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ई-फॉर्म 2 INC-2  को उचित रूप से भरकर जमा कराना होगा.
  • इस प्रक्रिया के तीसरे चरण में आपको अपनी कंपनी किस नाम पर Registered  करानी है, उस नाम को सबसे पहले आपको MCA पोर्टल के माध्यम से चेक कर लेना चाहिए, कि आप जिस नाम को रजिस्टर कराना चाहते हैं, वह पहले से किसी और कंपनी के नाम पर Registered ना हो. यदि आपके द्वारा सोचा गया नाम किसी भी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है, तो आप उस नाम को अपनी कंपनी का नाम रख सकते हैं
  • उसके बाद आपको एक inc-1 फॉर्म भरना होता है. इसका सीधा और सरल मतलब यह होता है कि आपके द्वारा सोचा गया नाम आपकी कंपनी के लिए Registered  किया जा चुका है, इस नाम का कोई और व्यक्ति उपयोग नहीं कर सकता है.
  • कंपनीज एक्ट 2015 के अनुसार एक कंपनी के लिए कुछ मुख्य नियम व कानून लागू किए गए हैं. उनके अनुसार कंपनी के Registered  के समय मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन कंपनी के लिए दो मुख्य ऐसे व्यवसायिक डाक्यूमेंट्स हैं जिन्हें प्रत्येक कंपनी को प्राप्त करना आवश्यक है. सामान्य तौर पर इन दोनों दस्तावेजों में एक कंपनी द्वारा पालन किए गए दिशा-निर्देश व नियम कानून का पूरा ब्यौरा दिया जाता है.
  • जो कंपनीज एक्ट 2015 के अनुसार अनिवार्य है. कुछ मुख्य प्रकार के दस्तावेज बनाने के लिए वकील या चार्टर्ड अकाउंटेंट की आवश्यकता प्रत्येक कंपनी को पड़ती है. इन दोनों दस्तावेजों का एक कंपनी के लिए अहम स्थान होता है इसलिए इनको एक प्रशिक्षित व्यक्ति की देखरेख में ही बनवाए.
  • इसके अलावा अन्य प्रकार की कंपनियों के लिए आपको ई-फॉर्म INC-7 भरना होगा. रजिस्ट्रेशन फॉर्म की प्रक्रिया के दौरान आपसे एक राशि ली जाती है जिसे स्टांप ड्यूटी होती है.
  • जब आपकी Registration की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो आपको एक चालान के साथ स्टैम्प ड्यूटी के भुगतान के बाद एक दस्तावेज दिया जाता है इसे आपको उस राज्य में कंपनी रजिस्टर्ड ऑफिस में दिखाना होता है जिस राज्य में आप अपनी कंपनी स्थापित करने वाले है.
  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद जब आपके सभी दस्तावेज पूरे हो जाते हैं और आप पूरा फॉर्म भर लेते हैं उसके बाद आपके सभी दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जाती है जिसमें लगभग 2 दिन का समय लग जाता है. अब आपको आवश्यकता होती है
  • इन-कोर्पोरेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने की जिसके लिए आपकी रजिस्टर्ड इमेल id पर आपको एक हफ्ते के अंदर इन-कॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाता है. जब आपको इनकॉरपोरेशन सर्टिफिकेट आपकी ईमेल आईडी द्वारा प्राप्त हो जाता है
  • तो उसकी एक फोटो कॉपी करा कर आपको अपने पास जरूर रख लेनी चाहिए, क्योंकि भविष्य में सभी महत्वपूर्ण कार्य में उस सर्टिफ़िकेट की आपको आवश्यकता होती है.
  • यदि आप अपनी कंपनी के नाम से एक चालू खाता किसी भी बैंक में खोलना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपसे मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन की फोटो कॉपी की मांग की जाती है.
  • कंपनी की जब Registration प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब आप पैन कार्ड Registration के लिए NSDL ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन अवश्य भरे ताकि आप कंपनी के नाम पर एक पैन कार्ड Registered करा लें.

Company रजिस्टर कराने के लिए अन्य आवश्यक दस्तावेज़ | Other Required Documents

  • कंपनी को पंजीकृत कराने के लिए एक कंपनी में मौजूद सभी प्रबंधकों के पहचान प्रमाण पत्र और साथ ही उनके पता प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी आवश्यक होती है.
  • अन्य प्रमाण पत्रों के साथ कंपनी के रजिस्ट्रेशन के समय सभी प्रबंधको के पैन कार्ड की फोटो कॉपी होना भी अनिवार्य है.
  • यदि आपने ऑफिस के लिए अपनी जमीन खरीदी है तो उसका प्रमाण पत्र अन्यथा
  • यदि आपने ऑफिस के लिए कोई जमीन गिरवी पर या फिर किराए पर ली है तो उसके प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भी रजिस्ट्रेशन के समय आवश्यक होती है.
  • यदि आपने कोई जमीन किराए पर ली है तो उसके मालिक द्वारा प्राप्त नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी आपके पास होना अनिवार्य है.
  • जो व्यक्ति कंपनी को पंजीकृत कराना चाहता है उसका स्वयं का पहचान प्रमाण पत्र और उसकी पंजीकृत ई-मेल id का प्रमाण पत्र भी वहां पर प्रस्तुत करना अनिवार्य है.
  • कंपनी रजिस्ट्रेशन के समय कंपनी का मालिकाना हक रखने वाले व्यक्ति के बैंक की स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और अन्य किसी भी प्रकार के बिल की फोटोकॉपी भी जमा करानी अनिवार्य होती

आवश्यक जानकारी जैसे

  • कंपनी का नाम
  • मुख्य ऑफिस का पूरा पता
  • सभी शेरहोल्डर्स का पूर्ण विवरण व जानकारी
  • शेरहोल्डर के द्वारा लगाई गई पूंजी का विवरण
  • कंपनी की स्थापना का उद्देश्य

Private Limited Company का नाम

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का नाम अद्वितीय होना चाहिए कि कंपनी के बिजनेस क्लास में मौजूदा कंपनी या एलएलपी या ट्रेडमार्क के नाम के समान नहीं होना चाहिए, इसे भारत में पंजीकृत या लागू नहीं किया जाना चाहिए। हमें नाम को पूरी तरह से खोजना होगा ताकि नाम अस्वीकृति की संभावना बहुत कम हो और हमें कंपनी को पहले उदाहरण में अनुमोदित किया जा सके।

Private Limited Company के फायद

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का देखा जाये तो कई सारे लाभ है।

  • इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकार भी इस तरह की कंपनियों को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करती रहती है।
  • साथ ही ऐसी कंपनियां बहुत कम इन्वेस्टमेंट में शुरू भी जाती है।
  • इसकी देनदारी बहुत ही लिमिटेड होती है।
  • आप ऐसी कंपनी को  खोलने के लिए किसी भी बैंक से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते है।
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में, 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है
  • किसी भी विदेशी संस्था या विदेशी व्यक्ति सीधे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निवेश कर सकते हैं।
  • कंपनी को कानून की नज़र में एक अलग पहचान बन चुकी है। एक तरह से वह कंपनी मान्य हो गयी है।



FAQs Private Limited Company Kya Hai?

Q. किस तरह की कंपनी बनानी चाहिए ?

A. किसी भी कंपनी को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पूंजी की आवश्यकता होती है और यदि वही आपके पास नहीं है, तो ऐसे में आप एकल स्वामित्व वाली कंपनी चलाकर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. यदि आप अपने व्यापार को एक बृहद रूप देना चाहते हैं तो आप एक निगम रुप से अपना व्यापार आरंभ कर सकते हैं.

Q. एक कंपनी कहां पर स्थापित करनी चाहिए ?

A. कंपनी की स्थापना ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहां पर आपको कंपनी की जरूरत के हिसाब से सभी वस्तुएं आराम से उपलब्ध हो सके. ऐसी जगह पर आपको परेशानी भी कम होगी और आपको शुल्कों भुगतान भी कम करना होगा.

Q .आरंभ में व्यवसाय का आकार क्या होना चाहिए ?

A. आरंभ में व्यवसाय का आकार आपकी पूंजी व आपकी क्षमता पर निर्भर होना चाहिए.

Q. व्यवसाय आरंभ करते समय व्यवसाय की मुख्य चुनौतियां क्या है ?

A. पूँजी और नकदी प्रवाह की कमी, व्यवसाय के लिए एक अच्छी योजना, अच्छी सेवा और उत्पाद का चुनाव, अपेक्षा से अधिक काम करना, आपके उत्पाद के लिए वह कोई आलोचना, अच्छे कर्मचारी ढूंढना, समय प्रबन्धन, कार्य व जीवन के बीच संतुलन बनाना.

Q. क्या कंपनी के लिए परमिट लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता जरूरी है?

A. एक कंपनी को संगठित करना इतना मुश्किल काम होता है, परंतु उसका Registration कार्य कराना कोई ज्यादा मुश्किल कार्य नहीं है. किसी भी कंपनी का Registration आपके भविष्य को सुरक्षित करने के काम आता है इसलिए कंपनी का Registration और उसके लिए परमिट व लाइसेंस लेना बेहद आवश्यक होता

आज आप ने क्या सीखा

उम्मीद करते है की आप को हमारे द्वारा बनाया गया ये पोस्ट Private Limited Company Kya Hai? और कंपनी कैसे रजिस्टर करें? काफी पसंद आया होगा और आपके लिए प्राइवेट लिमिटेड company start करने में काफी मदद भी करेगा और हमने इस पोस्ट में आपको जो भी जानकारी दी है उससे आप market में अपनी एक प्राइवेट लिमिटेड company start कर सकते हैं

हमारा ये Private लिमिटेड कंपनी क्या है और कैसे रजिस्टर्ड करे पोस्ट आपको कैसा लगा comment करके जरुर बताये और इसे अपने दोस्तों और जो भी इस बारे में जानना चाहता है उसके साथ भी जरुर शेयर करे|

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