Machine learning Kya Hai? , मशीन लर्निंग कैसे काम करता है? , Machine Learning का इतिहास , मशीन लर्निंग के प्रकार , Types of Machine Learning in hindi , Supervised Learning , Unsupervised Learning , Reinforcement Learning , Artificial Intelligence और Machine learning में क्यां अंतर है? , Machine Learning के Advantages , Machine Learning के Dis-Advantages
Spread the love

Machine Learning Kya Hai? :- दोस्तों इस Artical मे हम आपको बताने वाले है की Machine Learning kya Hai? और Types Of Machine Learning In Hindi और इसके इस्तेमाल के बारे मे भी जानेगे और भी बहुत सारे Points को हम इसमे बताने वाले है। तो दोस्तों Machine Learning के बारे मे जानने के लिए इस Artical को पूरा पड़े तो सुरु करते है Mahcine Learning kya Hai ? Types Of Machine Learning In Hindi।



Machine Learning Kya Hai?

Machine Learning, एक तरह का Artificial intelligence का Software होता है।जो की systems को यह ability प्रदान करता है की जिससे वो automatically learn कर सकें और जरूरत पड़ने पर खुद की improve भी कर सकें. दूसरे शब्दों में कहें तो, “Machine Learning एक study है जो कंप्यूटरों को खुद से learn करने की क्षमता प्रदान करता है।”

इसके अलावा मशीन अपने परफॉरमेंस को इंप्रूव करता है आज के समय में मशीन लर्निंग यानी Artificial intelligence इतना Develop हो चुका है कि आप इसके माध्यम से दुनिया का कोई भी काम बिना किसी मानव की सहायता से चंद मिनटों के अंदर पूरा कर सकते हैं इसका प्रमुख लक्ष्य Computer System को एडवांस बनाना है।

Read More :- Data Science Kya Hai ? Data Scientist Kaise Bane

बिना मानव की सहायता से जिस मशीन लर्निंग सिस्टम या Program को प्रशिक्षित कराया जाता है उसे Machine Learning Model कहा जाता है मशीन लर्निंग मॉडल एक Computer Program होता है, यही Input लेता है और फिर Experience से सीखकर Output Predict करता है। Machine Learning के द्वारा मशीन को बिल्कुल इंसानों की तरह बनाया जाता है जैसे इंसान सोच समझ कर ही कोई निर्णय लेता है ठीक उसी प्रकार मशीन को ऐसा बनाया जाता है

मशीन अपना Decision खुद ले सके उसके लिए उसे किसी इंसान की जरूरत ना पड़े। Machine learning का अविष्कार 1959 में Arthur Samuel ने किया जाता था।

मशीन लर्निंग कैसे काम करता है? 

Machine Learning ( ML ) Algorithm को डाटा देकर एक मॉडल बनाया जाता है और इस Algorithm में जब कोई इनपुट आता है तो उसी बनाए गए मॉडल के अनुसार आउटपुट को प्रोवाइड करता है. इसको समझने के लिए आप Youtube का उदाहरण ले सकते है क्योंकि जिसमें अगर आप किसी Topic से जुड़ी चीजों को सर्च करते है या वीडियो देखते है तो उसी के अनुसार आपके YouTube के होमपेज पर वीडियो दिखाईं देंगे.

एक तरीके से YouTube आपको आपकी Preference के हिसाब से वीडियो आपके होमपेज पर दिखाता है.अब ये तो YouTube का कोई Employee नहीं करेगा क्योंकि इसके तो करोड़ों यूज़र है और इसके लिए ना जाने कितने Employee की जरुरत पड़ेगी. ऐसे Task को करने के लिए मशीन लर्निंग का ही इस्तेमाल किया जाता है जो आपके होमपेज को कस्टमाइज़ करता है और आपके ही Searches और एक्टिविटी के अनुसार आपको वीडियो Suggest करता है.




Machine Learning का इतिहास

Machine Learning Advance हो गया है लेकिन आज 71 Year पहले ही Machine Learning का वितर्क British Mathematician AlanTuring के Mind में आ गया था. Year 1950 में AlanTuring को यह वितर्क आया है क्या Machine भी इंसानों की तरह सोच सकती हैं, इसके बाद उन्होंने The Imitation Game बनाया जिसमे उन्होंने दो इंसान और एक Computer को तीन अलग अलग Room में बैठा दिया और पहला इंसान Text Message के Form में Question पूछता था

अब एक Robot और एक इंसान ये दोनों पहले वाले इंसान के द्वारा पूछा जाता है। Question का जवाब दे रहे थे, लेकिन अब क्यूंकि तीनों अलग अलग Rooms में हैं इसलिए पहले वाला इंसान जो Question पूछ रहा था उसे यह नहीं समझ आ रहा था की जवाब इंसान दे रहा है या फिर Computer allen touring का मानना था की अगर पहला इंसान यह नहीं समझ पाएगा की जवाब दूसरा इंसान दे रहा है

Year 1952 में Computer Scientific Arthur Samuel ने IBM Company में एक Game बनाया जिसका नाम था Seven Checkers इसमें वह Game खुद ही Learn करके काफी अच्छा बन रहा था. या फिर Computer तो यह सिद्ध हो जाएगा की Computer भी इंसानों के तरह सोच सकते हैं.

Year 1958 में Computer Programer Frank Rosenblatt ने एक Perceptron नाम का एक Algorithm बनाया यह Algorithm Pattern को Capture करता था और Pattern Recognize करता था. आज के Finger print lock और Face lock इसी मत पर काम करते हैं.

मशीन लर्निंग के प्रकार Types of Machine Learning in hindi

इसको मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है –

  1. Supervised Learning
  2. Unsupervised Learning
  3. Reinforcement Learning

1. Supervised Learning

Machine Learning का ये सबसे Common भाग है जिसमें Program का Output निर्धारित रहता है. ये पूरी तरीके से Programmer के गाइडेंस के उपर काम करता है जैसे टीचर एक बच्चे को सिखाता है. सबसे पहले इसमें Algorithm का एक मॉडल तैयार किया जाता है और फिर एक Dataset को Create किया जाता है.

और इसी Dataset से मशीन Prediction करता है या Decision लेता है. जैसे माना की एक हमने एक प्रोग्राम बनाया जिसमें बताया गया है कि मोहन 5 वर्ष का है , सोहन 10 वर्ष , रमेश 15 वर्ष का है. तो अगर हम इस मशीन से पूछते है कि 15 वर्ष का कौन है तो मशीन अपने Dataset के आधार पर ये तुरंत बता देगी कि 15 वर्ष का रमेश है. इसलिए इसमें आउटपुट सटीक होता है.

2. Unsupervised Learning

मशीन लर्निंग के इस Algorithm में Dataset को पूरी तरीके से Labeled नहीं किया जाता है जिससे कि आउटपुट पूरी तरह से कन्फर्म नहीं होता है. इस Algorithm का इस्तेमाल बड़े बड़े Dataset से Hidden Data को निकालने में होता है. Unsupervised Learning में मशीन खुद ही डाटा में से नए नए Pattern और Relationship को ढूड़ती रहती है.और अपने Dataset में बदलाव करती रहती है. इसमें बहुत कम Information दी जाती है मशीन को सीखने के लिए और वो उतने ही डाटा से काफी कुछ सीखती रहती है.

3. Reinforcement Learning

ये Algorithms काफी अलग होते है और आज की एडवांस टेकनोलॉजी में इन्हीं का सबसे ज्यादा यूज़ हो रहा है. ये एक तरीके से Self Dependent Algorithm होते है जो खुद बिल्कुल अलग तरह का Decision लेने में सक्षम होते है. इस तरह के प्रोग्राम कई गलतियां करते है और अपने गलतियों और अनुभव से अपने प्रोग्राम को Improve करते रहते हैं.



Reinforcement Learning काफी Complex होता है जो जरुरत पड़ने पर बनाए गए सॉफ्टवेयर को भी मॉडिफाई कर सकता है. इसका एक उदाहरण Auto Driving Cars को मान सकते है जो हमेशा नए Area में जाती है और हमेशा अलग अलग चीजों को देखती है और समझती है. इसलिए इसका Database भी बदलता रहता है. उदाहरण के लिए कोई एक मशीन लर्निंग पर आधारित कार है जो चलते समय सड़क पर लगे किसी बोर्ड से लड़ गई तो इससे उसके Algorithm में एक फीडबैक जाएगा कि बोर्ड को बचाते हुए चलना है. मतलब मशीन इसमें एकदम नई चीज़ को सीखती है और Situation के अनुसार उसे Apply करती है.

Read More :- Network Bridge क्या है और कैसे काम करता है?

Artificial Intelligence और Machine Learning में क्यां अंतर है?

अब चलिए जानते हैं की Artificial Intelligence और Machine Learning में क्यां अंतर है।

 ARTIFICIAL INTELLIGENCE  MACHINE LEARNING
AI का full form होता है Artificial intelligence जहाँ पर intelligence को define किया जाता है एक ऐसी ability जहाँ पर knowledge को acquire और apply किया जाता है ML का Full form होता है Machine Learning जिसे define किया जाता है एक प्रकार का feature जिससे experience से knowledge और skill को acquire किया जाता है.
इसका aim होता है success के chance को बढ़ाना न की उसकी accuracy को वहीँ इसका aim होता है accuracy को increase करने का और ये success को ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
ये computer program के जैसे काम करते हैं जो की smart work करता हो वहीँ ये एक simple concept machine होती है जो की data ग्रहण करती हैं और उसी से learn करती हैं
इसका main goal है natural intelligence को simulate करना जिससे ये complex problem solve कर सके इसका main goal है किसी certain task से data learn करना जिससे ये machine के performance को maximize कर सके उसी specific task के लिए
AI खुद ही decision making होता है ML allows करता है system को जिससे वो data से नयी चीज़ें learn कर सके
ये एक ऐसा system develop करता है जो की इंसानों को mimic कर सके जिससे ये किसी circumstances में ठीक तरीके से respond कर सके इसमें ये ज्यादा involve रहता है self learning algorithms create करने में
AI हमेशा किसी problem का optimal solution ढूंडने में यकीन रखता है वहीँ ML किसी problem का कोई भी solution चाहे वो optimal हो या न हो ढूंडने में यकीन रखता है
AI आखिर में intelligence और wisdom की और lead करता है वहीँ ML (Machine Learning) knowledge की और lead करता है

Machine Learning के Advantages

वैसे तो Machine Learning के बहुत सारे advantages हैं जिनके विषय में शायद ही हमें पता हो. लेकिन यहाँ पर मैंने कुछ महत्वपूर्ण advantages के विषय में जानते हैं.

  • Machine learning के बहुत सारे wide applications है जैसे की banking और financial sector, healthcare, retail, publishing इत्यदि industries में.
  • Google और Facebook machine learning के इस्तमाल से relevant advertisements push कर पाते हैं. ये सभी advertisements users के past search behaviour पर ही आधारित होते हैं. इसलिए इसे targeted ads भी कहा जाता है.
  • Machine learning का इस्तमाल multi-dimensional और multi-variety data को handle करने के लिए किया जाता है वो भी dynamic environments में.
  • Machine learning के इस्तमाल से time cycle reduction होता है और resources का efficient utilization भी किया जा सकता है.
  • अगर कोई चाहता है continuous quality, large और complex process environments प्रदान करने के लिए तब भी इसमें ऐसे कुछ tools मेह्जुद हैं machine learning के कारण.
  • वैसे तो Machine Learning के benefits के अंतर्गत बहुत सारे चीज़ आते है जो की practically हमारे बहुत काम आ सकते हैं, जैसे की autonomous computers का development, software programs इत्यादि. साथ ही ऐसे process भी जो की बाद में automation of tasks हो पाते हों.



Machine Learning के Dis-Advantages

वैसे तो Machine Learning के कुछ disadvantages भी हैं जिसके विषय में चलिए जानते हैं.

  • Machine learning की एक major challenge होती है Acquisition. जिसमें, different algorithms पर based होकर data को process किया जाता है. और इसे processed किया जाता है किसी respective algorithms के input के हिसाब से इस्तमाल करने से पहले. इसलिए इसका significant impact होता है results के ऊपर जो की achieved या obtained किया जाता है.
  • एक और शब्द होता है interpretation. जिसका मतलब है की results भी एक बहुत major challenge है. इससे ये determine करना होता है की machine learning algorithms की effectiveness कितनी है.
  • हम बोल सकते हैं की machine algorithm के uses limited होते हैं. साथ में ये भी surety नहीं होती है की algorithms हमेशा सभी imaginable cases में भी काम करेंगी. क्यूंकि हमने देखे हैं की ज्यादातर cases में machine learning fail होते हैं. इसलिए problem के बारे में कुछ understanding होना बहुत जरुरी होता है जिससे सही algorithm को apply किया जा सके.
  • Deep learning algorithm के तरह ही machine learning में भी बहुत से training data की जरुरत होती है. हम कह सकते हैं की इतने ज्यादा मात्रा के data के साथ काम करना बहुत ही difficult है.
  • एक बहुत ही notable limitation machine learning की ये है की ये errors के प्रति ज्यादा susceptible होते हैं. Brynjolfsson और McAfee ने इसके actual problem के विषय में ये बताया है की जब वे कोई error करते हैं, तब उन्हें diagnose और correct करना बहुत ही कठिन होता है. ऐसा इसलिए की इसे underlying complexities के निचे से गुजरना होता है.
  • इसमें बहुत ही कम possibilities होती है immediate predictions करने के machine learning system के साथ. साथ में ये न भूलें की ये historical data से ही ज्यादातर learn करते हैं. इसलिए जितनी ज्यादा बड़ी data होगी और जितनी ज्यादा देर तक ML को data से expose किया जाये, इससे ये और भी बेहतर perform कर सकता है.
  • ज्यादा Variability का न होना भी एक दूसरा limitation है machine learning का.

आज हम ने सीखा

तो दोस्तों मेने आपको इस artical मे मेने Machine Learning Kya Hai? Types Of Machine Learning In Hindi के बारे मे बताया है। अगर आपको ये artical अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें |

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *